सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई 
धोली सती दादी मेरे घर आई,
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई 
मैया ओढ़ चुनर प्यारी प्यारी अपने भगतो के घर माँ पधारी 
छाई मन में उमंग बाजे ढोल मिरदंग
गूंजे आंगन में खुशियों की शेहनाई 
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई 
सजा माँ का दरबार प्यारा प्यारा 
इस के आगे फीका हर नजारा 
जाऊ तुझपे बलिहार लेउ नजरे उतार वारु तेरी छवि पे माँ लूँ राई,
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई 
तुझे पलको में अपने छिपा लू तुझे मन के मंदिर में वसा लू 
मेरे तन में तू मेरे मन में है तू सोरव मधुकर कं कं में तुही समाई 
सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई