नच नच के रिझावानगी श्याम नु पावांगी,
चुक दिता कुंड लोक लाज दा,
नही लालच मैनू राज काज दा,
सब कुछ छड जावांगी वृंदावन जावांगी,
नच नच........
कर जोगन दा फेश वे राणा ,
छड जाना तेरा देश बेगाना,
मैं ता मूड के ना आवान्गी राधे राधे गावांगी,
नच नच..........
मैं हा हरि दर्शन की प्यासी,
रुक नही सक्दी मीरा दासी,
उह्दे रंग रंग जावांगी श्याम नु पावांगी,
नच नच........