मधुर रसीली महा सुख सागर, बंइयां पकड़ मिलावे ठाकुर ।
दीन मधुप की स्वामिनी राधे, हरि हरषालु है श्री राधे ।।
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से एक बार,
कृपा कर भानु दुलारी, राधे बरसाने वारी ।
गोलोक के ठाकुर प्यारे, तेरे काज ब्रज धाम पधारे,
तेरे वश में नंदकुमार, मिला दो ठाकुर से एक बार,
कृपा कर भानु दुलारी राधे बरसाने वारी ...
तू ही मोहन तू ही राधा, तुम बिन मोहन आधा-आधा,
नंद नन्दन प्राण आधार, मिला दो ठाकुर से एक बार,
कृपा कर भानु दुलारी राधे बरसाने वारी ...
मेरा सोया भाग्य जगा दे, हे श्यामा मोहे श्याम मिला दे,
यही दीन मधुप की पुकार, मिला दो ठाकुर से एक बार,
कृपा कर भानु दुलारी राधे बरसाने वारी ...
स्वर : भैया राजू कटारिया मोगा/बरसाना ।
संपर्क : 98140 65320
(सर्वाधिकार लेखक आधीन सुरक्षित। भजन में अदला बदली या शब्दों से छेड़-छाड़ करना सख्त वर्जित है)