चौक पुराओ माटी रँगाओ,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे
खबर सुनाओ खुशियां लुटाओ,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे॥
ऐ री सखी मंगल गाओ री,
धरती अम्बर सजाओ री
उतरेगी आज मेरे प्रभु की सवारी,
और कोई काजल लाओ रे,
इनको काला टीका लगाओ रे,
उनकी छवि से देखूं मैं तो प्यारे,
लक्ष्मी जी वारो नज़र उतारो,
आज मेरे प्रभु घर आयेंगे॥
रंग से रंग मिले नए नए रंग खिले
खुशियां जी आंगने डारे हैं डेरा
पिहू पिहू पपीहा रटे कुहू कुहू कोयलया जपे
आँगन आँगन है परियों का डेरा
अनहद नाद बजाओ रे सब मिल,
आज मेरे प्रभु घर आयेंगे॥
चौक पुराओ माटी रँगाओ,
आज मेरे प्रभु घर आयेंगे,
ख़बर सुनाओं ख़ुशियाँ लुटाओ,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे॥