उनके है राधारमण

है जिनका कोई नही उनके है उनके है राधारमण,
वो खुशनसीब है जिनकी लागी इनसे लग्न उनके है राधारमण,

तुम्हारे नाम का अमृत है जिनके होंठो पे,
त्रिताप जवाला की उनको कभी छुए न जलन,
है जिनका कोई नही उनके है उनके है राधारमण.....

तुम्हारे रूप के जादू से बच न पाए कोई,
उतर आँखों से हँसके चुरा ले जाते हो मन,
है जिनका कोई नही उनके है उनके है राधारमण.....

भरोसा लेके जो चलते है तुम्हारी राहों में,
न होता उनका पतन बस्ता है वो वृन्दाविपिन,
है जिनका कोई नही उनके है उनके है राधारमण.....

शब्द : श्री रमण जी
गायक : सौरव,गर्ष फगवाड़ा
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