बुहा कृष्ण प्यारे दा मल जिंदड़ी,
दुख जानगे सारे टल जिंदडी॥
बुहा कृष्ण प्यारे दा।
हां करके दलील नू शड्डी ना,
मंदा बोल किसे ना कड्डी ना,
भावे लाह देन तेरी खल जिंदड़ी,
बुहा कृष्ण प्यारे दा मल जिंदड़ी ॥
बुहा कृष्ण प्यारे दा.....
रस्ते जांदी नू वाजा मारन गे,
सीदी सड़क तो हेठ उतारंगे,
तू सुनी ना किसे दी गल जिंदड़ी,
बुहा कृष्ण प्यारे दा मल जिंदड़ी॥
बुहा कृष्ण प्यारे दा.....
रस्ता दूर है पंड ना चुक कूड़े,
टूटू लक ते जावे गी थक कूड़े,
तेरी गिची विच पै जाऊगा बल जिंदड़ी,
बुहा कृष्ण प्यारे दा मल जिंदड़ी॥
बुहा कृष्ण प्यारे दा.....
गौरी शंकर जे मन डोलेगा,
तैनू कृष्ण बुहा नही ओ खोलेगा,
रख सिदक ते ला लैन गल जिंदड़ी,
बुहा कृष्ण प्यारे दा मल जिंदड़ी॥
बुहा कृष्ण प्यारे दा.....