बंदगी में तेरी सँवारे ज़िंदगी जीना सिखला दिया,
फर्क ओरो में तुझे में है क्या सँवारे मुझको बतला दिया,
कर दिए दिल के टुकड़े हज़ार जिसपे विशवाश था बेशुमार,
जब से आया शरण तेरी प्यार तुझसे मिला है अपार,
इक तुझे छोड़ कर सब मतलबी सँवारे तूने दिखला दिया,
फर्क ओरो में तुझे में है क्या सँवारे मुझको बतला दिया,
चोट दिल की दिखाई तुझे हाले दिल जो सुनाया तुझे,
भूल कर मेरी भूलो को तू दास अपना बनाया मुझे,
माफ़ करता नहीं गलतियां बात तुमने ये झुठला दिया,
फर्क ओरो में तुझे में है क्या सँवारे मुझको बतला दिया,
खाटू वाले मुझे दुनिया ने नाम से पहचान दी,
तूने खुशियों की सौगात दे मेरे होठो पे मुस्कान दी,
तूने कुंदन को श्याम धनी प्यार से अपने नेहला दिया,
फर्क ओरो में तुझे में है क्या सँवारे मुझको बतला दिया,