यार मेरे बांसुरी वाले बता क्यों जींद तरसती जा रही,
ठीक से पड़ो कर्म का लेख रे कान्हा तकलीफे तड़पा रही,
यार मेरे बांसुरी वाले....
एक फूल को कितने भवरे जख्मी करते जा रहे,
फूल वेचारा क्या करे बेरहम तड़पा रहे,
फूल तो है के दर्द बताये रे,यारो कोई हाल नहीं,
यार मेरे बांसुरी वाले......
सुन शेल छबीले और रसीले ढूंढे तुझको नैन मेरे,
क्या बताऊ कान्हा जी हम भी तो पुराने फैन तेरे,
बरसिश में आशियाना थोड़ा सा हम को भी मिल जावे,
यार मेरे बांसुरी वाले...
जो सब ने ठुकराया कान्हा तूने गले लगा लिया,
कालवन ये नील गगन कहे हाल ये सारा गा लिया,
काल तो पहले ही नहीं ना झुकता श्याम अब तेरे भरोसे नाव रही,
यार मेरे बांसुरी वाले.........