हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे
अर्जी करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
मन मेरा बांधो स्वामी श्री चरणों से,
निर्धन की झोली भर दो नाम के धन से,
नाम ही सतगुरु मेरे काज सवारे,
अर्ज करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे,
भटके चौरासी में जीवन की नैया,
आजाओ सतगुरु प्यारे बनके खिवैया,
पतवार थामो प्रभु जी लगा दो किनारे,
अर्ज करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे,
माया मझधार मेरी सुरति न भटके,
लेहरो में भव सिंधु की नैया न अटके,
बिन तेरे जग से स्वामी कौन उभारे,
अर्ज करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे,
इक पल मन ये मेरा तुम को न भूले,
स्वासो का झूला दाता खली न झूले,
स्वास स्वास से सिमरु मैं प्राण पियाले,
अर्ज करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे,
मन मंदिर में मेरे आसान हो तेरा,
आसान में मेरे प्रभु जी शासन हो तेरा,
इक पल भी दास दाता तुझे न बिसारे,
अर्ज करू मैं दाता दर पे तुम्हारे,
हिरदये विराजो प्रभु जी सतगुरु प्यारे,