हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,
मुझे कहने में संकोश नहीं मेरा दाता कोई और नहीं,
हम सब के सामने कहते है,
हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,
चाहे कह दो पागल ही मुझे चाहे कह दो मगरूर मुझे,
डंके की चोट पर कहते है ,हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,
अब भले बुरे का होश नहीं कहता है पवन अफ़सोस नहीं,
हम सीना तान के कहते है,हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहते है हम हो गए खाटू वाले के,