शीश का दानी मैंने ठानी मेरे खाटू बाबा
चरन में तेरे शीश जुकाऊ मन जो तुझ संग लागा,
कान्हा कान्हा धुंद रहा है सारा जग दीवाना,
मेरे श्याम का ठिकाना जग ने है जाना,
चाहे तडपु चाहे भटकू फिर भी तुझे पाना,
मेरे श्याम का ठिकाना जग ने है जाना,
भगती करते आया हु तन मन तुझपे लुटाया हु,
जान भी लो अब मेरा हाल देख भी लिया बाबा तेरा कमाल,
जन्म जन्म की अब तो कान्हा हमसे प्रीत निभाना,
मेरे श्याम का ठिकाना जग ने है जाना,
रिंग्स से तेरे द्वारे आऊ लख्दातरी तुझे रिजाऊ,
खाटू में तेरा डेरा श्याम बिगड़े बना दो सब के काम,
सारी दुनिया अब तो बोले मुझको खाटू जाना ,
मेरे श्याम का ठिकाना जग ने है जाना,