अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनिया से क्या काम,
श्याम धनि के चरणों में है अपने चारो धाम,
अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनिया से क्या काम,
खाटू में है श्याम धनि का मंदिर बड़ा ही भारी,
बैठा है दरबार लगा कर कलयुग का अवतारी,
जिस के दर्शन से भगतो का हो जाता कल्याण,
अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनिया से क्या काम,
श्याम धनि के होते हम पर विपदा कभी ना आवे,
इसके हाथ में सौंप के जीवन हम तो मौज उड़ावे,
अब तो ये खाटू वाला ही रखता अपना ध्यान,
अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनिया से क्या काम,
बाबा के दरबार में सोनू जब से बने है चाकर,
सवर गई है किस्मत अपनी इसकी शरण में आकर,
देख हमारे ठाठ बाठ को दुनिया है हैरान,
अपना मालिक बाबा श्याम हमको दुनिया से क्या काम,