नाम है तेरा तारणहारा कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिबा इतनी सुन्दर वो कितना सूंदर होगा,
तुमने तारे लाखो प्राणी ये संतो की वाणी है,
तेरी छवि पर ओ मेरे गुरु जी ये दुनिया दीवानी है,
भाव से तेरी पूजा रचाऊ जीवन में मंगल होना,
जिनकी प्रतिबा इतनी सुन्दर वो कितना सूंदर होगा,
सुरवर मुनि वर जिनके चरण में निश दिन शीश झुकाते है,
जो गाते है गुरु की महिमा वो सब कुछ पा जाते है,
अपने कष्ट मिटाने को तेरे चरणों का वंदन होगा,
जिनकी महिमा इतनी सुन्दर वो कितना सूंदर होगा,
मन की मुरदे लेकर गुरु जी तेरे चरण में आये है,
हम ये बालक तेरे दाता तेरे ही गुण गाते है,
भव से पार उतरने को तेरे सब संगम होगा,
जिनकी प्रतिबा इतनी सुन्दर वो कितना सूंदर होगा,