पुठे राह पई दुनिया रही न लज जमाने नु
तू आजा मुड के लैके बाले मर्दाने नु
अवल आल्हा नूर उपाया कुदरत के सब बंदे
एक नूर ते सब जग उप्जेया कौन भले कौन मंदे
हर दोष बंदे विच लभ दे अज लाके पैमाने नु
तू आजा मुड के लैके बाले मर्दाने नु
बदल गया एह इंसान एह पैडी हवस ने घेर लिया
होया कोर हनेर ने अक्ल ने बुहा पेड़ लिया
नीत बुरी न तकदा हूँ धी पूत बेगाने नु
तू आजा मुड के लैके बाले मर्दाने नु
खाली हथ तू आया सिधु खाली हथ मुड जाना
पल दा नही भरोसा ता भी रेहन्दा पाप कमोना
मार मार के ठगिया भरदा पेया खजाने नु
तू आजा मुड के लैके बाले मर्दाने नु