गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु की वाणी जो सुनुँगा तो,
पूरा ध्यान लगाऊँगा,
जब गुरु को अर्पण करना हो तो,
झोली खोल दूँगा,
जो मेरा है सब है तेरा ये,
गुरु से बोल दूँगा,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु की वाणी जो सुनुँगा तो,
पूरा ध्यान लगाऊँगा...
ये गुरु का घर है,
यहाँ पे कोई,
मनमानी नहीं होती,
ये बात भी,
पक्की है के कोई,
परेशानी नहीं होती,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु की वाणी जो सुनुँगा तो,
पूरा ध्यान लगाऊँगा...
ना असमंजस मे मै रहूँगा,
ना मन मे धोका रखूँगा,
जो बोले गुरु वही करूँगा,
गुरु पे भरोसा रखूँगा,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु की वाणी जो सुनुँगा तो,
पूरा ध्यान लगाऊँगा,
जब गुरु की सेवा,
करनी हो तो,
समय से नज़र हटाऊँगा,
श्रद्धा से भक्ति करूँगा,
गुरु का आशीर्वाद पाउँगा,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा,
गुरु की वाणी जो सुनुँगा तो,
पूरा ध्यान लगाऊँगा...
जपूँगा नाम मै नाम गुरु का,
नाम मै जपूँगा,
जपूँगा नाम मै नाम गुरु का,
नाम मै जपूँगा,
गुरु के दर जाऊँगा,
तो दुनिया को भूल जाऊँगा....