मेहंदीपुर वालों बाबा को जग में परचम लहरावे से,
भगता को काम बनावे से,
उसको न रेहवे कोई फ़िक्र जो इक दफा आ जावे दर,
अपने भगतो की चिंता फ़िक्र खुद मेरा बाबा मिटावे से,
भगता को काम बनावे से......
मेहँदी पुर की शान अगल बाला जी की पहचान अलग,
अरे प्रेत राज भेहरो से मिल बाबा भुता ने भगावे से,
भगता को काम बनावे से,
मशहूर ये जग में धाम घणो भगता को बिगडो काम बने,
साँचा मन से जो अर्ज करे खली हाथ कभी न जावे से,
भगता को काम बनावे से....
म्हणे अपनी शरण में रखो जी कोई भूल हो तो दियो माफ़ी जी,
केशव महिमा गावे बाबा शर्मा तेरा हुकम भजावे से,
भगता को काम बनावे से,