थारे हाथां में ओ मइया म्हारे मनड़े री डोर
थारे हाथां में ..
कस के रखियो डोर पकड़के
डोर बड़ी कमजोर
थारे हाथां में ..
थे ही जानो सै के मन की
म्हारी भी कुछ जानो जी
म्हारे मनड़ै पे मइया जी छाले थारो जोड़
थारे हाथां में ..
दुनिया को तो घणो सहारो,
म्हारा सब कुछ थे ही थे
किस विध करा बड़ाई थारी..
किस विध करा बड़ाई,थे तो कालजिये री कोर
थारे हाथां में ..
जीवन री म्हारी नइया मइया थारे भरोसे छोड़ी रे
तेज लहर है,उठ्यो बवंडर,
अन्धकार घनघोर ..
थारे हाथां में..
कलयुग में थारा दरसन करके चोखानी दुःख टल जावे
शरणागत हो भगत निहारे
मइया थारी ओर...
थारे हाथां में ..
थारे हाथां में ओ मइया म्हारे मनड़े री डोर
थारे हाथां में ..
कस के रखियो डोर पकड़के
डोर बड़ी कमजोर
थारे हाथां में ..
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