ओसियां की पावन धरती पर है सूंदर बहुत नजारा.
याहा सचियाँ माँ का द्वारा,
धनला की पवन धरती पर है सूंदर बहुत नजारा,
याहा सचियाँ माँ का द्वारा,
वह बैठी ज्योता वाली माँ सारे जग पे हुकम चलाये,
नर नारी जय जय कार लगा मेरी माता के गुण गाये,
माँ रहती उन भगतो के संग जिसने भी दिल से पुकारा,
याहा सचियाँ माँ का द्वारा.......
उठो जागो भगतो सच्चे मन से माँ का ध्यान लगाओ,
शेरावाली माहरानी की मिल कर के ज्योत जगाओ,
जो सच्चे मन से ध्यान लगाए उसको मिला सहारा,
याहा सचियाँ माँ का द्वारा....
निर्धन की झोली भर्ती माँ बांजो को लाल है देती,
दुखियो के दुःख को रानी माँ पल भर में हर लेती,
जिसने भी मन से नाम लिया वो है मैया का प्यारा,
याहा सचियाँ माँ का द्वारा.......