मेरे श्याम तेरा मुस्काना सब घायल करे जमाना,
सारे जग में शोर मचा है खाटू का सेठ निराला,
तू चल चल चल चल श्याम प्रभू के दवारे रे होये,
ये प्यारी सूरत में में आज बसाले रे,
शाम सुबह में तेरा गुणगान करता हूं,
तेरी इस प्यारी प्यारी सूरत पे मरता हूँ,
प्यारा सा मुखड़ा तेरा दिल घायल करता मेरा,
जो सुनो ना विनती मेरी मैं डालू दर पे डेरा,
तू चल चल …
मेरा दिल करता है तेरी भागती में खो जाऊँ,
तेरे चरणों मे सर रखकर बस तेरा गन गाऊ,
खुली आँख से देखू सपना खाटू मैं घर हो अपना,
उस घर मे प्यारी मूरत बस श्याम नाम ही जपना,
तू चल चल …
खाटू का जो है राजा हारे का एक सहारा,
वो सबकी झोली भरता जिसने भी उसे पुकारा,
जो दर तेरे पे आते वो श्याम तेरे दीवाने,
“माही” तू भी गुन गाले सब भगतो को समझाले
तू चल चल …..………..…