देवी दुर्गे उमा विस्व जननी रमा मा तूतारा,
एक जगदम्बा तेरा सहारा,
है तुम्ही वैष्णवी मोह माया,
तूने सारे जगत को बनाया ,
शैल स्कंध माता भवानी ,
पर्वती भद्र काली मृणाली,
सर्व बुद्धि प्रदे अस्ट सिद्धि प्रदे त्रिपुरारा,
एक जगदम्बा तेरा सहारा ,
पुण्य वानो के घर सम्पदा तुम पापियो के भवन आपदा तुम,
कुल कि लज्जा तुम्ही साध,
श्रधा तुम्ही गुड अगारा एक जगदम्बा तेरा सहारा,
जिनके मुंडन कि गल मालिका हो जो संग्रहित संचयित कालीका हो ,
रुप विक्रालिका चंडिका कालीका रुप धारा एक जगदम्बा तेरा सहारा,
मन बचन दोनो ने हार खाई तेरा पाया नही पार माइ,
क्या करे निर्वचन बेद नैतिक कथन कर के हारा,
एक जगदम्बा तेरा सहारा,
है हजारो ही अपराध मेरे हु अधम पातकी मातु तेरा ,
दुष्ट होवे यदा मा को होवो सदा पुत्र प्यारा,
एक जगदम्बा तेरा सहारा,
तेरी ज्योति से उद ज्योति दिवाकर तब प्रभा सुसोभित सुधाकर,
देवी सेवक पर कर दो दया की नजर का इशारा एक जगदम्बा तेरा सहारा,