माँ का नाम जपे जा हर पल लागे न कोई मोल रे,
जय माता दी बोल रे तू जय माता दी बोल रे,
माँ का नाम जपे जा हर पल लागे न कोई मोल रे,
माता रानी का मंत जो जपते माँ को लगते प्यारे,
महारानी माँ वैष्णो का तू निश दिन ध्यान लगा ले,
मन की अंगूठी में तू जड़ ले ये हीरा अनमोल रे,
जय माता दी बोल रे तू जय माता दी बोल रे,
जिस ने जो माँगा दे डाली ऐसी है महादानी,
इनसे न कोई भेद छुपा है सब के मन की जानी,
सब की नेकी बगियाँ माँ सच की तराजू तोल रे,
जय माता दी बोल रे तू जय माता दी बोल रे,
लाल चुनरियाँ ओड के बैठी गुफा में पिंडी रानी,
माँ की माया कैसे जाने हम मूरख अज्ञानी ,
यहाँ वहाँ मत ढूंढ सरल तू भीतर अपने टटोल रे,
जय माता दी बोल रे तू जय माता दी बोल रे,