जय जय वैष्णो मैया पार लगाओ नैया

अनुपम कन्या रूप सलोना वैष्णो उसका नाम है
सतसंघ पर्वत पर रेहती त्रिकुट घाटी पर धाम है
जय जय वैष्णो मैया पार लगाओ नैया

त्रेता युग में अधर्म बड़ा पाप की काली आंधी छाई,
पांच नमा शक्ति ने मिल के तृप्त तेज किरने भिखराई,
तेज कुञ्ज घन घोट हो आत सुंदर इक बालिका आई
पांच जगो की मिली शक्तियां इस कन्या में समाये,
जय जय वैष्णो मैया पार लगाओ नैया

मन सवा कर कर्म न तीनो देवियाँ से के आई
ज्ञान कुञ्ज आलोकित हो के कष्ट भी बम आंबे महामाई
राम जी की आज्ञा लेकर गेह्बर में तप करने आई
भेरव नाथ को घर से निकाला मुक्ति की राह दिखाए
जय जय वैष्णो मैया पार लगाओ नैया
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