जो भी दर आया ओ निहाल हो गया,
ऐसी किरपा होगी माला माल हो गया,
अम्बे माँ दे दर दिया सिफ़्ता हज़ारा ने,
हर वेले दर उते रोनका बहारा ने,
जेहड़ा वेखे कहंदा है कमाल हो गया,
ऐसी किरपा होगी माला माल हो गया,
दुखा मजबूरियां नु सूखा च बदल दी,
झोलिया फेहलावे दिल खाली नहीं कलदी,
रंग विच माँ दे लालो लाल हो गया,
ऐसी किरपा होगी माला माल हो गया,
राजू हरिपुरियाँ सुनावे गल्ला सचियाँ,
पुत्रा ते मावा दियां डोरा नहीं कचियाँ,
ताहियो प्यार चरना दे नाल हो गया,
ऐसी किरपा होगी माला माल हो गया,