राम नाम की माला जपले धार ले मन व धीर,
पीढ़ सब मिट जायेगी,पीढ़ सब मिट जायेगी,
पत्थर की हुई नारी अहिलियाँ राम नाम को पुकारा था,
पाँव से छू कर प्रभु जी जन्म जन्म को तारा था,
ऐसा जाम है इनके नाम का,
दे बदल तकदीर,
पीढ़ सब मिट जायेगी,
सबरी ने पूजा प्रभु जी को आके दर्श दिखाये है,
भीलन ले घर आके लखन संग झूठन बेर खाये है,
माला जपते अमर हुए है हनुमत जी बलबीर,
पीढ़ सब मिट जायेगी,
कुछ नहीं अपना सब है सपना सब को छोड़ के जाना है,
पंक्षी पिंजरा तोड़ उड़े गा कुछ पल का ही ठिकाना है,
भागी चेत ले सबकी माया से बंधी है जंजीर,
पीढ़ सब मिट जायेगी,