ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो,
रामा थारी भक्ति में
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में
मित्र सुदामा मित्र तुम्हारे ,
मांग मांग अन्न खायो मेरे रामा
हरिचंद संग बानी राजा ,
वाने तो नीच घर नीर तो भरायो
रामा थारी भक्ति में…
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो,
रामा थारी भक्ति में
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में
संत रूप धर के प्रभु जी,
मोरध्वज द्वारे आया मेरे प्रभु जी
एक भूखा सिंह के खातिर,
औजी रतन कवर ने राजा रानी से चुरायो ,
रामा थारी भक्ति में
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में
बावन रूप धर के प्रभु जी बलि के द्वारे आये
तीन पावंडा धरती नापी राजा बलि ने प्रभु जी ,
पाताल पठायो रामा थारी भक्ति में
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो,
रामा थारी भक्ति में
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में
तुलसी दास या सार रघुवर की,
हरस हरस गुण गायो मेरे रामा,
अपने भक्त को दुःख देवे प्रभु जी ,
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो,
रामा थारी भक्ति में औजी थारी भक्ति में रामा ,
थारी भक्ति में। ….
ओ प्रभु जी कोनी सुख पायो रामा थारी भक्ति में
औजी थारी भक्ति में रामा थारी भक्ति में