सलाम उन शहीदो को जो खो गये,
वतन को जगा कर जो खुद सो गये,
वो थे लाडले अपनी मायो के पाले,
मगर हो गये गोलियों के हवाले,
आज़ादी के बदले जवानी लूटादि,
वतन के लिया जान की बाजी लगा दी,
हमारे थे अब देश के हो गये,
वतन को जगा कर जो खुद सो गये,
हिन्दू सिख मुसिलमान थे सलाम उनको जिनकी वो संतान थे,
सलाम जो बात ये कह गये के बेटा गया है वतन तो रहे,
जुड़ा हो के हम से वो खो गये,
वतन को जगा कर जो खुद सो गये,