अनेकता में एकता

अनेकता में एकता विशेषता हमारी है,

जन्म भूमि राम की ध्रुव की तपस्थली,
शक्ति के प्रतीक में सहासी महाबली,
नर नारायणो की धरती ये प्यारी है,
अनेकता में एकता विशेषता हमारी है,

पुण्य कला देव वे कृष्ण भी यही हुए,
त्यागशील दधिचियो हरिश्चंद यही हुए,
कदम कदम पर त्याग की गाथा ही न्यारी है,
अनेकता में एकता विशेषता हमारी है,

दुनिया में व्यापत है संस्कृति की अजेयता,
मात्र भूमि धन्य है आशय ग्यानी श्रेष्ठ
भोग वादी संस्कृति सत्य शिव से हारी है,
अनेकता में एकता विशेषता हमारी है,

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