यह भारत देश हमारा
धुन: जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया
जहां सरस्वती, गंगा यमुना की, पावन बहती है धारा,
यह भारत देश हमारा
सोना जहां उगलती धरती, पर्वत लगते प्यारे ।
ऋषियों-मुनियों की यह धरती, देवता जहां पथधारे ॥
जिसकी सीमा पर हिमालय, देश का है रखवारा-यह भारत...
रण-चण्डी दुर्गा शक्ति से, दुष्ट जहां थर्राति ।
भारत की सैनिक शक्ति से, लोग खौफ हैं खाते ॥
परमाणु का नाश करेंगे, हम निज-शक्ति द्वारा-यह भारत...
जिसके लिये प्रताप शिवा ने, शत्रुओं को ललकारा ।
भगत सिंह,सुखदेव राजगुरुने जिस पर तन वारा ॥
जिसके कण कण गूंज रहा है,भारत का जयकारा-यह भारत...
जिसके वनों और खेतों में, छाई ‘मधुप’ हरियाली ।
पंछी करें कलोल जहां पर, झूमे डाली डाली ॥
देश मेरा सोने की चिड़िया,लगता सब को प्यारा-यह भारत...