आके तेरे द्वार रानी मिट गए सारे गम
मुझ पे भी माँ करदो कर्म
ओ हे मेरी संतोषी माता कर दो अब रेहम,
मुझ पे भी माँ करदो कर्म
क्या तुझे मैं कहू कैसे माँ मैं कहू
तुम तो जानती हो सब माँ मैं कहू न कहू
तेरे टुकडो में है जीना समजू मैं धर्म
मुझ पे भी माँ करदो कर्म
जब से लागी लगन तेरे धाम की
मन को रहती प्यास बस माँ तेरे नाम की
जब से पाई तेरी छाया मिट गए हर भ्रम
मुझ पे भी माँ करदो कर्म