कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ,
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें साथी है बस इतना ही कहना
अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना
कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं ,
निकले हैं मैदाँ में हम जां हथेली पर लेकर,
अब देखो दम लेंगे हम जा के अपनी मंज़िल पर,
खतरों से हँसके खेलना इतनी तो हम में हिम्मत है,
मोड़े कलाई मौत की इतनी तो हम में ताक़त है,
हम सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं,
हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं,
अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना,
अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना,
कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं,
जोश दिल में जगाते चलो जीत के गीत गाते चलो,
जोश दिल में जगाते चलो जीत के गीत गाते चलो,
जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं,
अपने लहू से हमे को उसमे रंग भरना है,
साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है,
या तो अब करना है, या तो अब मरना है,
चाहे अंगारे बरसे की बिजली गिरे,
तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे,
कोई मुश्किल या हो कोई मोर्चा,
साथ हर मोड़ पे होंगे साथी तेरे,
अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना,
अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना,
कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं,
एक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है,
इस दिल को चुपके चुपके वो तड़पाता है,
जब घर से कोई भी खत आया है,
कागज़ को मैंने भीगा भीगा पाया है,
पलको पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते है,
कुछ सपनें ऐसे है जो साथ साथ चलते हैं,
कोई सपना ना टूटे कोई वादा ना टूटे,
तुम चाहो जिसे दिल से वो तुमसे ना रूठे,
अब जो भी हो शोला बन के पत्थर है पिघलाना,
अब जो भी हो बादल बन के पर्बत पर है छाना,
कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं,
चलता है जो ये कारवां, गूंजी सी है ये वादियाँ,
है ये जमीं, ये आसमा है, ये हवा, है ये समा,
हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर पर्बत ने सदा दी है,
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी,
कंधों से मिलते हैं कंधे, क़दमों से कदम मिलते हैं,
हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं,