देश से है प्यार तो हर पल ये केहना चाहिए
मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए,
वंदे मातरम,
देश द्रोही ततो को हर गिगना सहना चाहिए,
मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए,
शत्रु से कह दो जरा सीमा में रहना सीख ले,
ये मेरा भारत अमर है सत्य से कहना सीख ले
राष्ट की भगति सबकी के रग में बेहना चाहिए ,
मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए,
मेरी नस नस तार करदो और बना दो इक सितार ,
राग भारत मुझमे छेड़ो झनझनाऊ बार बार,
हो सके कुर्बान जज्बा सब में दिखाना चाहिए,
मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए,
देश के हम है सिपाही देश गीत गायेगे,
दुश्मनो की छाती पर तिरंगा हम लहराएंगे,
भाव ये अनुपम देविंदर सब में जगना चाहिए
बाबा बिरज मोहन मिश्रा बंधू कभी न थकना चाहिए,
मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए,