सारा जगत तेरी महिमा गावे दर्शन के इंतजार में,
जय माँ दुर्गे जय माँ दुर्गे हो रही संसार में,
ब्रह्मा विष्णु शंकर की माँ दुर्गे इक तू शक्ति,
ऋषि मुनियो की सब सारे करते है तेरी भगति,
राजा क्या महाराजा सारे दुनिया दूर से ही झुकती,
पापी से पापी की माँ दुर्गे तू करती मुक्ति,
इनकी दया से कभी न रूकती नैया ये मजधार में,
जय माँ दुर्गे जय माँ दुर्गे हो रही संसार में,
शेहलपुत्री ब्रह्मचारणी चंद्रघंटा सब रटलो न,
खुसमाता अस्कंध मैया कात्यानी बनावे काम,
काल रातरी महा गोरी सिद्ध दातारि तुझे परनाम,
नव दुर्गा के नामो को उठ कर करा करो गुण गान,
हो जावे दुःख दूर तमाम इस माँ के आज दरबार में,
जय माँ दुर्गे जय माँ दुर्गे हो रही संसार में,
संकट हरनी मंगल करनी सबको पार तार ती माँ,
कही दुर्गा कही बन चण्डी ये रूप अनेको धारती माँ,
गुरु मुरारी अभिशेख लोहियां करते तेरी आरती माँ,
जय भगवान् ग्वालण्डे वाली की बन तू सारथि माँ,
सब के कष्ट निवार ती माँ रहे भगतो के उपकार में,
जय माँ दुर्गे जय माँ दुर्गे हो रही संसार में,