तेरे दर पे आये है शीश झुका कर नमन करता हु मैं,
दूजा कहा है कोई मेरा तेरे बिना मेरी माँ,
इस अनाथ का तू ही सहारा माँ,
कभी तो आ जाना मेरी चौकठ पर तू,
माना हु मैं निर्धन पर तेरा ही तो बेटा माँ,
तेरे ममता के सागर में है बह जाना,
दर्श जो तेरा मिल जाए जीवन सफल हो मेरी माँ,
किरपा जो तेरी हो दुःख कहा मेरी हो,
सुख के आंचल में सुबह शाम मेरी हो,
तेरी यह भगति हो फूलो की खुसबू हो,
अँधेरा कहा घर में रोशन हर रात मेरी हो,
इस अनाथ का तू ही सहारा माँ,