धन धन गुरु रविदास जी सुन लो गरीबा दी पुकार एह,
वेहमा अते भरमा च शहंशा डूभी जांदा सारा संसार है,
धन धन गुरु रविदास जी सुन लो गरीबा दी पुकार एह,
छूट छात दी इसी बीमारी जड़ तो तुसी मुका दिति,
धर्म दे ठेकेदारा ने ओह जग विच फेर फैला दिति ,
सच वाले भूले उपदेश नु बन लिया पल्ले एहंकार है,
धन धन गुरु रविदास जी सुन लो गरीबा दी पुकार एह,
मनु समृद्धि वाला हो रहा प्रचार एथे,
वाणी वाले वाक् सतगुरु फेरे आंके मार एथे,
गावे कोई महिमा मीरा बन के गुरु गुरु करे ओह्दी तार है,
धन धन गुरु रविदास जी सुन लो गरीबा दी पुकार एह,
नाम तेरे दी आरती साहिबा ना कोई एथे करदा,
हूँ ता बंदा बन्दियाँ दा ही होके बह के भर दा,
मोह माया दे वस् होके सहरेआम विक दा बाजार है,
वेहमा अते भरमा च शहंशा डूभी जांदा सारा संसार है,
धन धन गुरु रविदास जी सुन लो गरीबा दी पुकार एह,