रंग बरसे माँ दे दवार रंग बरसे,
माँ दे रंग विच ध्यानु रंगया मन चाहा फल माँ तो मंगया,
ऐसे रंग न माँ तेरा लाल तरसे,
रंग बरसे माँ दे दवार रंग बरसे,
माई दास तेरे रंग विच रंगया होर कोई न रंग उसनु जच्या,
दीदार तेरे न ओहदे नैन तरसे,
रंग बरसे माँ दे दवार रंग बरसे,
माँ दे रंग विच रंग जो सारे,
लोको कहंदा है बिट्टू आवाजा मारे,
खुला माँ दा दर होंगे कई आरसे,
रंग बरसे माँ दे दवार रंग बरसे,