हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद कृष्ण,
गोविंद गोविंद कृष्ण गोविंद गोविंद,
रसना पे अगर तेरा नाम रहे जग में फिर नाम रहे ना रहे,
मन मंदिर में मेरा श्याम रहे झुठा संसार रहे ना रहे,
दिन रैन हरि का ध्यान रहे कोई ओर फिर ध्यान रहे ना रहे,
तेरी कृपा का अभिमान रहें कोई ओर अभिमान रहें ना रहे ,
हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद कृष्ण,
गोविंद गोविंद कृष्ण गोविंद गोविंद,
मेरा यार नंद नंदन हो चुका है वह जा हो चुका है जिगर हो चुका है,
ये सच जानिये जो भी बतला रहा हूँ,जो कुछ पास था वह नजर हो चूका है
जगत की सभी खुबिया मैंने छोड़ी जो दिल था इधर अब उधर हो चुका है,
वो उस मस्त की खुद ही लेता खबर है जो उसके लिए बेखबर हो चुका है ,
हे गोपाल राधा कृष्ण गोविंद गोविंद कृष्ण,
गोविंद गोविंद कृष्ण गोविंद गोविंद,