जो भी दिल में रहे बात वो बिन कहे,
श्याम रखता खबर है फ़िक्र क्या करू,
है बड़ा मेहरबान ये मेरा रहनुमा इसकी मुझपे नजर है फ़िक्र क्या करू,
श्याम रखता खबर है फिकर क्या करूँ,
सामने है मेरे मेरे सपनो में भी,
मेरा मालिक है मेरे अपनों में भी,
ऐसी यारी हुई राज दारी हुई,
इनका ऐसा असर है फ़िक्र क्या करू,
श्याम रखता खबर है फिकर क्या करूँ
हम जो खुशियों की खातिर तरसने लगे,
इनकी रेहमत के बदल बरसने लगे,
सुनता दिल की सदा कर तू तारीफ क्या,
मेरा जाने जिगर है फ़िक्र क्या करू,
श्याम रखता खबर है फिकर क्या करूँ
रहता ये संवारा प्रेम के वश में है,
इनकी चाहत चोखानी के नस नस में है,
लगी इनकी लगन तानिया भी है मगन,
श्याम रखता खबर है फ़िक्र क्या करू,
श्याम रखता खबर है फिकर क्या करूँ