राम रहीमा एकै है रे,
काहे करौ लड़ाई,
वहि निरगुनिया अगम अपारा,
तीनो लो.क सहाई…
वेद पधन्ते पंडित होवे,
सत्यनाम नहि जाना,
कहे कबीरा ध्यान भजन से,
पाया पद निरवाना,
राम रहीमा एकै है रे....
एक हि माटी की सब काया,
ऊँच नींच कोउ नाही.
एकहि ज्योति बरै कबीरा,
सब घट अंतरमाही,
राम रहीमा एकै है रे....
यहु-अनुमोलक जीवन पाके,
सतगुरु सबदी ध्याओ,
कहे कबीरा अलख में सारी,
एक अलख दरसाओ,
राम रहीमा एकै है रे......