जीवन गवाने वाले जीवन क्यों व्यर्थ गवाए
प्रभु की शरण में क्यों ना आये,
काहे लुटाये तू समय अन्मुला
दोलत की मोह माया में मन तेरे डोला,
काहे भरा है तूने पापो का थैला
चोला है उजला दिल तेरा मैला,
ताकत की मध में बंदे दुखियो को काहे सताए,
प्रभु की शरण में क्यों ना आये,
किस के लिए करे तू हीरा फेरी
मिटटी का कोयला है ये काया तेरी
धरती पे आके तूने क्या है कमाया
संग न जाएगा तेरे तेरा ही साया
अपने ही पथ में पगले कहे तू कांटे बिछाए
प्रभु की शरण में क्यों ना आये,
अब भी समय है करले प्रबु की भगती
मिल जायेगे तुझको पापो से मुक्ति
गलती सभी वो तेरी माफ़ करेगा
खुशियों से तेरा वो आंचल भरे गा
दो दिन का है बसेरा काहे को तू भर माये
प्रभु की शरण में क्यों ना आये,