राहों में नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना
आ जाये प्रभु शायद, दरवाज़ा खुला रखना
भूलूँ ना कभी पल भर मैं नाम तेरा भगवन
चरणों में सदा अपने मेरे मन को लगा रखना
राहों में नज़र रखना...
क्यों भव में भटकने की देते हो सजा सबको
दुस्वार है पल भर भी तेरे रहम बिना रहना
राहों में नज़र रखना...
छण भंगुर मानव तन बड़े भाग्य से पाया है
कहीं पतित ना हो जाये प्रभु चरण शरण गहना
राहों में नज़र रखना...
सुन दुर्लभ मानव तन बड़े भाग्य से पाया है
कहीं व्यर्थ ना हो जाए सत्कर्म किये रहना
राहों में नज़र रखना...