मेरे राम मेरे राम मेरे राम

तू जल में तू थल में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम

कण कण में तेरा वास है ये हर कोई जाने
राजा रंक फ़कीर तुझे तो हर कोई माने
तू कण में तू वन में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम

तुझमे शरदा हो जिसकी उसे हर सुख मिलता
मुरजाया सा फूल भी देखो फिर से खिलता
तू तन में तू मन में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम

नही नियत में खोट न आये इरषा आये न मन में
दुःख के फूल खिले सदा मेरे जीवन के उपवन में
तू सब में तू नव में तू अगनी पवन में बीच समुन्दर
हवा के अन्दर व्यापक मेरे राम
मेरे राम मेरे राम मेरे राम
श्रेणी
download bhajan lyrics (736 downloads)