साई जी की मैं तो दीवानी हो गई,
मैं तो सारे जग से बेगानी हो गई,
साई की छवि तो मेरे मन में समाई,.
साई की अदाये मेरे मन को है भाई,
खुद को भुला के अनजानी हो गई,
मैं तो सारे जग से बेगानी हो गई,
जाने क्या है जादू साई की निगहाओं में,
पलके बिठाई मैंने बाबा तेरी राहो में,
शिरडी में आके मस्तानी हो गई,
मैं तो सारे जग से बेगानी हो गई,
साई तेरे रूप में जग है समाया,
साई तेरे नाम से मैंने सब पाया,
तेरी भोली सूरत लुभानी हो गई
मैं तो सारे जग से बेगानी हो गई,