साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,
काँटों की बरसात भी हो तो महक उठे गा तेरा गुलशन,
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,
मत अपना नफरत के फंदे बुरे भले सब उसके बंदे,
राम कथा बनती कैसे अगर जग में ना होता पैदा रावण,
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,
साई अटल विश्वाश सिखाये साई हर एक रिश्ता समजाये,
धुप भी साई छाव भी साई साई ही दोस्त साई ही दुश्मन,
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,
उजारे में अँध्यारे में देख उसे मिटटी गारे में,
सुन सकता है सुन ले हर पल,
हर जर्रे में उसकी धड़कन,
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,
बंद कर चिंता अपने तन की खोल के रख हर खिड़की मन की,
जाने कब तेरे अंदर से हो जाये गए तुझको दर्शन,
साई पे फूल चढ़ाने वाले फूल बने गा तेरा जीवन,