मोरे साई मिले सब के दिल में,
सभी मिले साई में,
साई मिले कौन से रूप में कोई जाने न,
मोरे साई मिले सब के दिल में,
जितना भी वक़्त मिले तू साई का ध्यान कर,
श्रद्धा सबुरी से तू साई गुणगान कर,
साई की भगति कर ले दुःख मिले न,
मोरे साई मिले सब के दिल में,
कड़वे वचन न बोलो साई ने फ़रमाया,
मीठे वचनो से साई सब के मन को भाया,
साई के दीवानो को कोई भये न,
मोरे साई मिले सब के दिल में,
कब काया होना है बंदे साई के हाथ है,
जिसने भुलाया उसको ये उसके साथ है,
जैसे है मेरे साई कोई और न,
मोरे साई मिले सब के दिल में,
मन मस्जिद गुरुद्वारे गिरजा घर इक है,
महजब चाहे कितने हो मालिक तो इक है,
चन्दर रंगीला देखो कही जाये न,
मोरे साई मिले सब के दिल में,