जब से पकड़ा है बाबा ने हाथ मेरा,
मुश्किलों की मुझे अब परवाह नहीं,
सारे काँटों के पते है अब फूलो भरे,
अब किसी और के दर पे भटकना नहीं,
जब से पकड़ा है बाबा ने हाथ मेरा
ज़िंदगी में बहुत मैंने है सहे,
सारे गम तेरे दर पर है आके थमे,
तेरी रेहमत का मुझ पे हुआ ये असर.
तू जो रूठा तो रूठेगी किस्मत मेरी,
एह दुआ की वो पल न आये कभी,
जब से पकड़ा है बाबा ने हाथ मेरा,
दुनिया दारी की मुझको नहीं है समज,
करते है दगा मेरे अपने हि सब,
आ गई छोड़ दुनिया मैं तेरी शरण,
सँवारे जो पड़ी मुझपे तेरी नजर,
और किसी के नजर में अब रहना नहीं ,
जब से पकड़ा है बाबा ने हाथ मेरा
बस यही दिल की है प्राथना सँवारे ये मनीश की है कामना सँवारे,
तेरे चरणों की सेवा ये मिलती रहे,
मेरी दुनिया यही मेरी जनत यही छोड़ दर को तेरे अब न जाना कही,
जब से पकड़ा है बाबा ने हाथ मेरा