श्याम नाम की मेहंदी रचाकर,
गुन्घट में शरमाऊ गी,
बन के दुल्हनियां श्याम धनी की ब्रिज नगरी जाऊगी,
श्याम नाम की मांग भरी और श्याम चुनरियाँ ओडी रे,
श्याम प्रीत रंग राची एसी दुनिया से मुख मोड़ी रे,
वो मेरा हो जायेगा और मैं उस की हो जाउगी,
बन के दुल्हनियां श्याम धनी की ब्रिज नगरी जाऊगी,
गईयाँ चराने वो जायेगे मैं उनके संग जाउगी,
श्याम बजायेगे बंसी मैं नाचू गी गाऊगी,
थक जायेगे श्याम पिया तो,
उनके चरण दबाऊ गी,
बन के दुल्हनियां श्याम धनी की ब्रिज नगरी जाऊगी,
सूरज रंग चदा मेहँदी का मैं तो लाल भई,
श्याम पिया की बन के सुहागन साथो जन्म निहाल हुई,
सदा सुहागन कहलाऊ गी,
जीवन सफल बनाऊगी,
बन के दुल्हनियां श्याम धनी की ब्रिज नगरी जाऊगी,