पीला दे ओ साकी श्याम नाम की मस्ती,
सर तुज्को नजराना दे दू इक ही बूंद पिला दे,
मन यह प्यासा तरस रहा है इक बार मुझे पिला दे,
सर्दी में मिले इक बूंद जो तो भी जानू सस्ती,
पीला दे ओ साकी .........
रंग शर्त नही है कोई भी रंग पिला दे,
रोज रोज घर नही पिलना इक ही बार पिला दे
पिने वाले धाम ना पूछे महंगी हो या सस्ती
पीला दे ओ साकी ......
तेरे नाम की पीने वाले दुनिया से नी डरते,
सर जाये तो जाये बेसक शिकवा कभी ना करते,
तेरे हवाले कर दी मोहन हमने अपनी कस्ती,
पीला दे ओ साकी .........