आओगे जब तुम ओ सांवरे, दिल के द्वार खुलेंगे,
आँखों में आंसू, आँखों में आंसू, इंतज़ार के ।
तुमसे कब हम मिलेंगे...
असुँअन से चरण पखारूँगा, दिल की नज़र से निहारूंगा ।
क्या मैं करूँ अर्पण तुझको, तन मन तुमपर वारूँगा ।
पूजा तेरी, जानू नहीं, कैसे करूँ,
आँखों में सपने, आँखों में सपने हैं दीदार के ॥
तुमसे कब हम मिलेंगे...
बाहों में झूला झुलाऊँगा, दरबार तेरा लगाउँगा ।
आसन नहीं है मखमल का पलकों पे तुझको बिठाऊंगा ।
सेवा तेरी, जानू नहीं, कैसे करूँ,
लब भी हैं सूखे, लब भी है सूखे, तुम्हे पुकार के ॥
तुमसे कब हम मिलेंगे...
सब तुम्हे फूलों से सजाते हैं, खुशबू से तुझे महकाते हैं
मेरे जैसे दीवाने तो भजनो से तुझे रिझाते हैं
दौलत मेरी, बस है यही, मेरे प्रभु,
‘सोनू’ सुनाये, ‘सोनू’ सुनाये गीत प्यार के ॥
तुमसे जब हम मिलेंगे...