भजले श्याम फिर ये जनम दोबारा मिले ना मिले,
मझदार में माजी तो मिलेगा किनारा मिले ना मिले,
ये जीवन है कर्ज प्रभु का व्यर्थ कही न जाए,
दुनिया की रोनक में मन का मीत बिछड़ न जाए,
ढूंढे से तुम को कहे श्याम प्यारा मिले न मिले,
मन मन्दिर में श्याम वसा कर बस एक वार निहारु,
मिल जाए जब नैन प्रभु से प्रेम से नाम पुकारू,
नैनो को नैनो से इशारा मिले न मिले,
सो समज कर जीवन में संजू क्या खोया क्या पाया,
माटी की काया पा कर तू इक दिन दिन इतराया,
जाने के बाद नामो निशान तुम्हारा मिले न मिले,