तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,
दर दर की ठोकरों से हमको बचा लिया है,
यु तो खा रहे थे घोटे मझदार में थी नैया,
देकर मुझे सहारा किनारे लगा दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,
क्या मांगू मैं जहाँ से दुनिया तो है भिखारी,
मैंने तो तेरे दर पे दामन फेला दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,
कही मैं भटक ना जाऊ मेरा ख्याल रखना,
मैंने तुमको तो अपना साहिब बना लिया है,
तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,
तेरे प्रेम में पड़े हम तो हुए शराबी,
मैंने तो तुमको अपना साथी बना लिया है,
तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,
हसरत है मेरे दिल में दीदार तेरा पाऊ,
मुझको इसी तमना में पागल बना दिया है,
तेरी रहमतों ने हमको दर पर बुला लिया है,